किन्नर से प्यार भाग - 24




कहानी _ **किन्नर का प्यार**

भाग _ 24 

लेखक_ श्याम कुंवर भारती 

सुनंदा अगले दिन प्रवेश पांडेय के घर गई ।उसको देखते ही राखी बहुत खुश हुई ।प्रवेश ने भी उसका स्वागत किया ।राखी उससे गले मिली । सुनंदा ने प्रवेश के पापा का पैर छूकर प्रणाम किया ।उन्होंने उसे आशीर्वाद दिया।
उसने एक पॉकेट राखी के ससुर को देते हुए कहा अंकल _ ये आपके लिए एक कोर्ट है लीजिए।
उसने राखी को एक साड़ी की पॉकेट दी और प्रवेश को एक जींस सर्ट और पेंट का पॉकेट दिया ।फिर कुछ मिठाई और फल की एक टोकरी दी।
राखी ने कहा_ अरे तुम इतना सब क्यों लाई हो।
क्यों नही लाती ।तुम्हारे ससुराल में पहली बार आई हूं ।
रख लो सुनंदा ने मुस्कुराते हुए कहा ।वैसे मेरे पहले केस का एडवांस मिला है उसकी खुशी भी है।
राखी ने खुश होकर पूछा_ कौन सा केस किसने दिया है।
सुनंदा ने राहुल के बारे में बताया ।
लेकिन तुम तो उससे नाराज थी ।उससे बात नही कर रही थी ।फिर उसका केस कैसे ले ली ।
अब भगवान ने पहले केस के रूप में उसे ही भेज दिया तो मैं क्या करती ।वैसे सिर्फ केस ही लिया है बाकी और कुछ नही है।केस खत्म होते ही बात खत्म समझो क्योंकि उसने मेरा दिल जलाया है ।
फिर उसने प्रवेश के पापा से अपने केस के बारे में सब विस्तार से बताया और कहा _ अंकल मुझे इस केस में आपकी मदद चाहिए।
पूरा मामला समझकर पाण्डेय जी ने कहा _ बेटी वो उद्योग पति नाम का है ।वो एक अपराधी है।उसके सिर पर विपक्षी पार्टी के एक बड़े नेता का हाथ है। जरा संभल कर रहना ।कोर्ट से इस सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने का ऑर्डर तो मैं दिला दूंगा ।लेकिन कब्जा हटाना बड़ा मुश्किल काम है ।उसके पास हथियार बंद बहुत ही खतरनाक गुंडे है ।बाकी केस के बारे में कई बारिकिया उन्होंने उसे समझ दिया।
उसकी चिंता मत करे अंकल मैं उसे देख लूंगी ।सुनंदा ने कहा ।
ठीक है चलो कोर्ट से पहले ऑर्डर ले लेते है ।
कोर्ट से ऑर्डर लेकर उसने राहुल को फोन किया और पूछा कहा हो तुम ।
राहुल ने कहा _ अभी घर पर हूं । आधे घंटे में निकलूंगा।
तुम रही रुको मैं आ रही हूं कुछ जरूरी बात करनी है ।ठीक है आओ राहुल ने कहा ।
बीस मिनट ने वो राहुल के घर पहुंच गई ।उसने अपनी लॉ फॉर्म कंपनी से एक गाड़ी ले लिया था ।
उसने अपने ड्राइवर से कहा तुम यही रुको मैं मिल कर आती हूं।
बाहर राहुल की सरकारी गाड़ी खड़ी थी ।उसका ड्राइवर ,बॉडीगार्ड और अर्दली वहा तैयार खड़े थे।
जैसे ही घर के पर गेट देखा _ राहुल के भाई और बहन भाभी भाभी कहते हुए बाहर निकल कर उससे लिपट गए ।
उसने उन दोनो को प्यार किया ।इतने दिनो बाद आ रही हो भाभी मैं आपसे बहुत नाराज हूं राहुल की छोटी बहन लवली ने नाराजगी दिखाते हुए कहा।
काम ने बिजी थी देखो फुर्सत मिलते ही आ गई ।अंदर से राहुल यह सब देखकर बहुत खुश हो रहा था ।उसके भाई बहन भी उसे बहुत पसंद करते थे 
लेकिन उसकी मां ने जैसे ही सुनंदा को देखा _ रूखे स्वर में बोली तुम यहां क्यों आई हो ।क्या काम है ।
सुनंदा कुछ कहती इससे पहले राहुल ने बाहर आकर कहा _ इसे मैने ही बुलाया है मां इसे आने दो ।
गेट पर खड़े दरवान ने सुनंदा को अंदर आने दिया ।
उसकी मां ने नाराज होते हुए धीरे से उसके कान में कहा _ इस किन्नर को क्यों बुलाया है।
मां अब ये किन्नर नही एक वकील है ।मुझे उससे काम है तुम चिंता मत करो।
राहुल ने उसे एक कुर्सी पर बैठाया और पूछा बोलो क्या काम था ।
सुनंदा ने उसे कोर्ट का आदेश देते हुए कहा _ ये को कोर्ट का ऑर्डर उस जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए।
इसकी एक कॉपी अपने पास रखो और एक कॉपी उस बदमाश के पास अपने कर्मचारी के हाथो भेजकर रिसीव करा लो।अगर लेने से इंकार करे तो उसे बाई रजिस्टर्ड पोस्ट से भेज दो।
दूसरा की आज ही उसके खिलाफ उस क्षेत्र के थाना में एफ आई आर दर्ज कराओ। थाना प्रभारी को बोलो तुरंत उसके शिकायत के आधार पर वहा स्थल का जाकर जांच करे और विमलेश यादव जिसने जमीन पर कब्जा किया है को भी एफ आई आर के बारे में सूचित करे ।
अपने अंचल अधिकारी के अलावा एल आर डी सी के पास भी एक शिकायत दर्ज कराओ ।इतना होने के बाद विमलेश को एक नोटिस भेजो कोर्ट के आदेश की एक कॉपी लगाते हुए ।
उसे एक निर्धारित समय देते हुए जमीन खाली करने का आदेश दो। जमीन खाली नही करने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है ।
सब पत्रों की एक एक कॉपी मुझे भी दो ।
जब तय समय खतम हो जाए तो जैसा की मैने पहले ही कहा था _ तुम फायरिंग के लिए पूरा तैयार करना ।साथ में एक बुलडोजर और एक एम्बुलेंस भी मंगा लेना ।
सुनंदा ने एक सांस में सारा मामला उसे समझाते हुए कहा ।
इतनी बारीकी और एक मंजे हुए वकील की तरह उसकी बात सुनकर उसकी मां को बहुत आश्चर्य हुआ।उसने उसे बड़े हल्के में लिया था ।लेकिन उसकी बातो ने उसे चकरा दिया था ।


ठीक है सुनंदा तुम जैसा कह रही हो मैं आज ही सारा काम निपटाता हूं ।फिर राहुल ने फोन कर अपने एक अधिकारी को सारी बात समझाकर कहा _ आप सबको बुलाकर मेरे ऑफिस में बैठाए मैं थोड़ी देर में आता हूं ।

जिस दिन एक्सन लेना होगा उस दिन एक पुलिस इंस्पेक्टर , थाना प्रभारी,अंचल अधिकारी,एक डीएसपी को भी साथ ले लेना ।फॉर्म की तरफ से मुझे भी बुला लेना ।
सुनंदा ने आगे कहा।
देखो कोर्ट का आदेश तो मिल गया है और मिल भी जाता है लेकिन सबसे बड़ी बात है जमीन से कब्जा हटाना ।
इसके लिए तुम्हे हिम्मत से काम लेना होगा ।तुम घबड़ाना नही ।
मैं थोड़ा घबड़ा रहा हूं सुनंदा मेरी पहली पोस्टिंग है ।इसका मुझे कोई अनुभव नहीं है।
राहुल ने चिंतित होकर कहा ।
मैं भी तो पहली बार इस तरह का केस लड़ रही हूं न ।फिर भी जो कानून सम्मत करवाई है कर रही हूं ।तुम भी उसी तरह करो । सुनंदा ने उसका हौसला बढ़ाते हुए कहा।
राहुल की मां ने कहा _ बाकी सब तो ठीक है लेकिन मेरा बेटा किसी पर गोली नही चलवाएगा।अगर मेरे बेटे को भी कुछ हो गया तो मैं बर्दास्त नही कर पाऊंगी ।
आंटी बिल्कुल ठीक कह रही है तभी नीलम भी वहा आते हुए बोली ।
मां तुम बेकार में चिंता कर रही हो । यह मेरी ड्यूटी है ।राहुल ने अपनी मां को समझते हुए कहा ।
नीलम भी राहुल के घर पर सुनंदा को देखकर चौंक गई थी ।
उसने सवालिया निगाह से राहुल को देखा ।
सुनंदा मेरे केस की वकील है इसलिए बात चीत करने यहां आई है ।
राहुल ने नीलम से कहा ।तुम बोलो अचानक कैसे आई हो ।
पापा पुछ रहे हैं विवाह की तिथि कब तय करनी है ।नीलम ने कहा ।
राहुल से पहले उसकी मां ने कहा _ बेटी मैं जल्दी पंडित जी से मिलकर कोई मुहूर्त देख कर बताती हूं ।
मां अभी इतनी जल्दी भी क्या है।मुझे शादी की कोई जल्दीबाजी नही है ।
नीलम मैने तुम्हे पहले भी कहा है तुम मेरी चिंता छोड़ दो कोई और लड़का ढूंढ लो ।
ओह अच्छा सुनंदा को देखकर रंग बदल रहे हो ।
माना की तुमने कभी हा नही कहा लेकिन कभी ना भी तो नहीं कहा । नीलम ने नाराज होते हुए कहा ।
सुनंदा को उनकी बाते चुभ रही थी ।उसने खड़ा होते हुए कहा _ ठीक है मैं चलती हूं।तुम जल्दी मुझे अपनी रिपोर्ट दे देना ।
अरे बैठो चाय तो पीती जाओ उसने उसे रोकते हुए कहा ।लेकिन वो आगे बढ़ गई थी ।राहुल उसके पीछे भागता हुआ गेट के बाहर तक चला गया ।
वो उसके आगे जाकर उसका रास्ता रोकते हुए कहा _ तुम मुझे गलत मत समझना । मैंने कभी अपने विवाह का प्रस्ताव नीलम के पास नही रखा है ।वही मुझ पर हमेशा दबाव दे रही है ।इसलिए आज मैने उसे जवाब दे दिया ।
मैने तुमसे पूछा क्या की किससे शादी कर रहे हो या नही कर रहे हो ।फिर क्यों परेशान हो रहे हो ।इतना कहते हुए वो अपनी गाड़ी में बैठ गई।
राहुल ने उसका हाथ पकड़कर कहा _ तुम कुछ कह नहीं रही हो इसलिए चिंता कर रहा हूं।
सुनंदा ने अपना हाथ छुड़ाते हुए अपनें ड्राइवर से कहा _ घर चलो ।उसकी आंखो में आंसू छलक आए थे ।कोई देख न ले इसलिए उसने तुरंत उन्हे अपने आंचल से पोंछ लिया ।
लेकिन राहुल की नजर से उसके आंसू छिप नही सके थे ।वो उसे जाता हुआ देखता रहा ।
उसके जाते ही वो अपनी गाड़ी में बैठ गया और कहा ऑफिस चलो ।उसके गार्ड और अर्दली भी बैठ चुके थे।तभी उसकी मां ने लपकते हुए कहा _ बेटा चाय नाश्ता तो करते जाओ।
देर हो गई है मां मैं ऑफिस में कर लुंगा तुम चिंता मत करना ।उसकी गाड़ी तेजी से निकल चुकी थी ।
निलम ने कहा _ आंटी राहुल को वकील करने के लिए सुनंदा ही मिली थी क्या ।
वही तो मेरी समझ में नही आ रहा है।आखिर उसने ऐसा क्यों किया ।
मैं भी चलती हूं आंटी आप जो भी हो जल्दी बता देना ।मुझे राहुल की नियत पर शक हो रहा है।

नगर में नगर निगम का चुनाव होने वाला था ।जिसकी प्रसाशनिक स्तर पर सारी तैयारियां चल रही थी। नामांकन की , चुनाव और परिणाम की तिथि तय हो चुकी थी ।
एक दिन बबिता किन्नर अपने कुछ किन्नर साथियों के साथ सुनंदा के पास आई और बोली _ सुनंदा मेरे मोहल्ले के कई लोग और सभी किन्नर समाज की इक्षा है मैं अपने वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ू।तुम क्या सलाह देती हो।
उसकी बात सुनकर सुनंदा ने खुश होते हुए कहा _ ये तो बड़ी खुशी की बात है मौसी ।लेकिन वार्ड पार्षद का चुनाव क्यों लड़ना चाहती हो ।मेरी सलाह मानो तो तुम सीधे मेयर का चुनाव लड़ो।पैसे और भोट की चिंता मत करो ।में और पूरी टीम तुम्हारा प्रचार प्रसार करेंगे और सबसे चंदा भी मांगेंगे।
उसकी बात सुनकर बबिता बोली _ नही बेटी मेरी इतनी औकात नही है ।
तुम्हे बताया नही में अपनी कमाई से एक अनाथ आश्रम,एक गरीब बच्चो के लिए स्कूल चलाती हूं।जो बचता है अपना गुजारा होता है।बाकी जो मेरे पास बचा है मेरे बाद मेरे चेलों का होगा ।
तुम चिंता मत करो मौसी तुम मुझे अपना लीगल एडवाइजर बना लो ।ताकि मैं तुम्हारा नामांकन जा फार्म भर सकूं।बाकी तुम मुझपर छोड़ दो।जितना तुमने अब तक सामाजिक और कल्याणकारी कार्यों की सूची , फोटो और वीडियो दे देना ।
सुनंदा ने गंभीर होंकर कहा। ठीक है बेटी जैसी तुम्हारी इक्षा। फिर भी मेरा दिल घबडा रहा है। बबिता ने कहा।तुम निश्चिन्त होकर जाओ मौसी बाकी तुम मुझ पर छोड़ दो ।
सुनंदा ने उसके जाने के बाद राखी ,प्रवेश ,उसके पापा से बात कर बबिता मौसी के बारे में बताया और अनुरोध किया हमलोगो को उसे हर हाल में जिताना है ।
प्रवेश तुम कॉलेज के छात्र छात्राओं की कमान संभाल लो ।अंकल आप सभी वकीलों को मैनेज कर ले ।
फिर उसने राहुल से बबिता मौसी को जीतने हेतु प्रशासनिक स्तर पर सहयोग करने का अनुरोध किया ।
राहुल ने आश्चर्य से कहा _ तुम एक किन्नर को मेयर बनाना चाहती हो ।
उसे साधारण किन्नर मत समझो राहुल ।वो बाकी लोगो से बेहतर कार्य करने वाला है तुम देख लेना ।
ठीक है तुम कह रही हो तो मैं अपने अधिकारियों से बात करता हूं ।राहुल ने कहा।
आखिर रही हुआ। बबिता किन्नर भारी मतों से विजई हुआ ।किसी को इसका अनुमान तक नही था की एक किन्नर इस नगर का मेयर हो सकता है।लेकिन सुनंदा की सूझ बूझ और प्रयास ने रंग लाया।पूरे शहर में बबिता किन्नर का विजय जुलूस निकला।
राखी ने हंसते हुए सुनंदा ने कहा _ तुम तो कमाल कर दी सखी ।एक किन्नर को जेल भेजवा दिया और दूसरे को मेयर बना दिया।
अब अपने बारे में क्या ख्याल है बोलो।
जो होगा अच्छा ही होगा ।
अभी कई कार्य निपटाना है फिर अपने बारे मे सोचेंगे।

शेष अगले भाग _25 में 

लेखक_ श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड, मो.9955509286

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1 Comments

Mohammed urooj khan

04-Nov-2023 12:50 PM

👍👍👍👍

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